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    Inspirational Success Story In Hindi -6

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    Inspirational Success Story In Hindi

    कई साल पहले की बात है काफी खुशहाल एक राज्य था।  

    जहाँ के राजा हो या प्रजा दोनों बहुत ही खुश थे। ये राज्य हर दिन   प्रगति कर रहा था।

    राज्यमे कोई छोटा सा कृषिकार हो या बड़ा व्यापारी सभी अपने काम काज में मस्त थे।

     

    इस खुशहाल राज्य के राजा को बाज पक्षियों को पालने का अनोखा शौक था

     अपने विश्वासपात्र मंत्री को आदेश देकर दो बाज पक्षी लाने को कहा।

    राजा का  आदेश पाकर मंत्री पडोस के दूसरे राज्य में गया और वहां से दो बहुत ही सुन्दर बाज पक्षी को खरीदकर एक पिंजड़े में ले आया।

    एैसे सुंदर बाज पक्षियों को पाकर राजा काफी प्रसन्न हुआ और दोनों को आहिस्ता से पिंजड़े से बाहर निकाला।

    जिसमे से एक बाज पक्षी ने ऊँची उड़ान भरी क्योकि बाज पक्षी अपनी ऊँची उड़ान के लिए जाना जाता है और दूसरी तरफ दूसरा बाज पक्षी पास ही के एक वृक्ष की एक डाल पर जा बैठा।

    दूसरे दिन फिरसे उन दो बाज पक्षियों में से एक ने बहुत ऊँची उड़ान भरी और फिर से राजा के महल में वापिस आ गया लेकिन दूसरा बाज अपनी जगह से हिला तक नहीं।

    अब तीसरे दिन भी ऐसा ही हुआ की पहला बाज पक्षी ऊँची उड़ान भर कर वापिस आ गया लेकिन  दूसरा फिरसे अपने स्थान से हिला तक नहीं।

     

    अब राजा बहोत उलझन में पड़ गया ये क्या हो रहा है कुछ समज में नहीं आ रहा।

    राजा ने  मंत्री को फिरसे हुक्म दिया की जाओ किसी वैद्य या पक्षी विशेषज्ञ को बुलाकर लाओ। आदेश पाकर मंत्री अपने राज्य और पडोसी राज्य से बहुत सारे जानकार व्यक्तियो को लेकर वापिस  आया।

    सभी जानकार लोगो ने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की, कोई जंतर मंतर करता तो कोई झाड़ फूंक लेकिन कोई भी उस बाज पक्षी को वहा से हिलाने में सफल नहीं हुआ।

    अब राजा बहुत ज्यादा परेशान हो गए उसने राज्य में इनाम की घोषणा करा दी  थी की अगर कोई व्यक्ति दूसरे बाज को उड़ाने में सफल हुआ तो उसे सौ सोने की अशर्फिया दी जायेगी।

     

    ये  खबर जब  मुरली नाम के एक साधारण से लक्कड़हारे को पड़ी तो मुरली राजा के  महल में आया और राजा से अनुमति लेने लगा।

    राजा ने शंका भरी नजरो से देखा और उस लक्कड़हारे को आदेश दिया। अब मुरली ने अपना काम शुरू कर दीया।

    कुछ  देर बाद राजा भी ये  देखकर विस्मित हो गए की वह दूसरा बाज भी बहुत ही ऊँची उड़ान भरने लगा।

    पहले वाले बाज से भी कंही  ज्यादा ऊंची।

    राजा बहुत आश्चर्यचकित हुए की बड़े बड़े विद्वान जो ना कर सके ये काम इस साधारण से दिखने वाले लक्कड़हारे ने कैसे कर दिया।

    जब राजा ने उस लक्कड़हारे से पूछा की ये कैसे मुमकिन हुवा?

    तब मुरली ने अपने चहरे पर एक मुस्कान लाते हुए कहा की

    “राजाजी,यह तो बहुत ही सरल काम था ।

    सबसे पहले मैंने बाज को देखकर ये पता लगाया की ये उड़ क्यों नहीं रहा है।

    पेड़ की जिस डाल पर वह बैठा हुआ था वो डाल ही मैंने काट दी और अब बाज पक्षी के बैठने की जगह ना बची तो कोई विकल्प ना रहने पर वह उड़ने लगा।

    राजा ने उसे 100 सोने कि अशर्फिया दी और मुरली ख़ुशी ख़ुशी अपने घर  गया।



    इस कहानी का सार या  मतलब ये था की एक बाज जो की अपनी ऊँची उड़ान भरने के लिए जाना जाता है किन्तु पेड़ की एक डाल का मोहताज होने के कारण वह उड़ नहीं पा रहा था।  

     हमारी जिंदगी भी कुछ इसी तरह की है। हम सबके अंदर बहुत ही असीमित सम्भावनाओ का सागर भरा पड़ा है ,

    हम जो चाहे कर सकते है और जो चाहे पा सकते है किन्तु हमारे अंदर भी कुछ चीजों का मोह बैठा हुआ है हम भी कुछ चीजों के मोहताज है।

    इस मोह को ही कम्फर्ट जोन यानि आरामदायक क्षेत्र कहते है।

    ठीक उसी प्रकार जिस तरह वह दूसरा बाज बहुत ही ऊँची उड़ान भर सकता है लेकिन पेड़ की वह डाल को नहीं छोड़ना चाहता है।  

     हम भी अपने कम्फर्ट जोन को नहीं छोड़ पा रहे है इसीलिए सफलता हाथ नहीं लग रही है।

    आपका कम्फर्ट जोन आपका दुश्मन है।

     

    सबसे बड़ी विडंबना यह है कि, जब आप आराम से रहने की कोशिश करते हुए जीवन जीते हैं, तब जीवन आपको अधिक से अधिक असुविधाएं देगा।

     

     

     यह सच है, जीवन में आपको अधिक से अधिक समस्याएं आएंगी

                    जिंदगी तुमको चैलेंज करती रहेगी।

                    जीवन आपको प्रतिरोध, संघर्ष, समस्या देता रहेगा।

     

    क्योंकि लोग आगे बढ़ने और प्रगतिशील होने के बजाय आराम से रहने के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि लोग अपनी सीमाओंमें बन्धे है,

    और उनसे आगे बढ़ना नहीं चाहते हैं।

     

    यदि आप अपने आप को असहज नहीं करते हैं, तो जीवन आपको अपने   कम्फर्ट जोन से बाहर निकलने के लिए बहुत सारे कारण देगा।

     

    इसलिए आपके पास दो विकल्पों में से एक है।

     

    एक मार्ग आपको सफलता की ओर ले जाता है और दूसरा मार्ग आपको निरंतर संघर्ष और पीड़ा की ओर ले जाता है।

    यह तुम्हारी पसंद है।



    • क्या आपको लगता है कि स्टीव जॉब्स ने Apple बारे में आराम महसूस करना शुरू कर दिया?

     

    • क्या आपको लगता है कि टोप एथलीट उच्च प्रदर्शन के बाद संतुष्ट हैं?

     

    • क्या आपको लगता है कि ऑस्कर विजेता अभिनेताओं ने उच्च उपलब्धि हासिल करने के बाद अपनी महेनत कम कर दी हैं?  नहीं।

    तो आप NETFLIX मैराथन के साथ  अपना समय बर्बाद क्यों कर रहे हैं?

     

    आपको कठोर निर्णय लेने के लिए तैयार होना होगा। लेकिन आप असहज महसूस करने के लिए तैयार हो गए हैं।

     

    अजीब महसूस करना, अस्वीकृति का सामना करना, असफल होना, दबाव महसूस करना।

    आपको उन चीजों का सामना करने के लिए तैयार होना चाहिए, जो आपके आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है।

     

    आपने अपने जीवन को कितनी बार देखा और कहा “यार, अगर मैं केवल इतना जानता कि अब मुझे क्या करना है, तो मैं अपने जीवन को अलग तरह से जीऊंगा”

     

    तो क्या यह संभव नहीं है, कि आप जो जीवन अभी जी रहे हैं, आप अलग तरह से जी रहे होंगे, यदि आपने एक ऐसी जागरूकता विकसित करना शुरू कर दी है जो वर्तमान में आपके पास नहीं है?



    अंदाजा लगाए?  आपके लिए ज्ञान और जागरूकता विकसित करने के लिए एकमात्र तरीका है कि आपको उन चीजों की कोशिश करनी है, जिन्हें आपने अभी तक कोशिश नहीं की है।  

    उन चीजों की कोशिश करनी चाहिए जिन्हें आपने अभी तक नहीं किया है, उन चीजों की कोशिश करनी चाहिए जिन्हें आपने अभी तक नहीं बनाया है, उस जगहों पर जाना चाहिए जहां आप अभी तक नहीं  गयै है।

     

     तुम ऐसे ही  विकसित होगे!

     

    जीवन आपको उन चीजों का अनुभव करने से दूर नहीं होने देता है जिन्हें आपने अभी तक अर्जित नहीं किया है।

     

     

     

    मैं दृढ़ता से सुझाव देता हूं कि आप उन लोगों को कॉल करना शुरू कर दें,  आप उस व्यक्ति से संपर्क करना शुरू कर दें,

    आप ईर्ष्या और लालच से अधिक दया और करुणा का अभ्यास करना शुरू कर दें, ताकि आप अपनी चिंता का सामना कर सकें,

    आपको कठिन अध्ययन करते रेहना चाहिए, आपको सुबह जल्दी जागना शुरू कर देना चाहिए ,

    भले ही आप एक सुबह के व्यक्ति न हों, कि आप अपनी शिथिलता को नष्ट कर दें।

     

    आपको उन चीजों को करना शुरू कर देना चाहिए, जिनके बारे में आप जानते हैं, जो आपको पसंद हैं,

    आपको बहुत समय पहले ये काम शुरू कर देना चाहिए था, क्योंकि आप उन अनुभवों और ज्ञान का निर्माण शुरू कर सकते हैं, जो आपको सफल होने मैं आवश्यक है।

     

    यही मैं आपको सुझाव देता हूं।



    आपके लिए असुविधाजनक होने का समय है, आपके लिए फिर से सपने देखना शुरू करने का समय है,

    और जो आपका हमेशा से था, उसके बाद शुरू करना है, जिनको आपने बहुत लंबे समय तक अनदेखा किया हैं।



    और मैं वादा करता हूं, जब आप अपने आप को असुविधा में धकेलते हैं, तब आपके दोस्त नोटिस करेंगे, आपके सहकर्मी नोटिस कर लेंगे,

    आपका परिवार नोटिस कर  लेगा, LIFE नोटिस करेंगी, जीवन आपको वापस आगे बढ़ने में मदद करेगा।

    जीवन आपको समर्थन देना शुरू कर देगा, और आपके लिए दरवाजे खोल देगा, आपको उन लोगों से मिलवाएगा जो आपको अगले स्तर पर ले जाएंगे,

    लेकिन आपको पहला कदम उठाना होगा! इसलिए कदम उठा लें।

     

    पहला कदम ले लो और अपने जीवन को उज्जवल बनाओ।

     

    खेल के नए स्तरों को आप के लिए प्रकट करो और देखो कि तुम उस व्यक्ति जेसे विकसित होते हो, जिसे तुम हमेशा बनना चाहते हो।



    यह सब आपके कम्फर्ट जोन के बहार आने का इंतजार कर रहे हैं। इससे बहार आ जाओ।आ जाओ यार बहार ज़िन्दगी आपका इन्तजार कर रही है……..

    तो दोस्तो कुछ भी हो अपना कम्फर्ट जोन हमें छोड़ना ही पड़ेगा तो ही जिंदगी में हम जो भी चाहे वो हासिल कर सकते है।

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    Inspirational Success Story In Hindi

    आज  मैं रिक्शे से अपने घर आया .

     

    मैंने उस रिक्शे वाले से पूछा- भाई आपके बच्चे हैं?

    यदि आप बुरा न मानें तो, कुछ  कपड़े मैं उनके लिए

    दे दूँ.. आप उसको  पहनाओगे क्या?

     

    रिक्शेवाले ने कहा – जी साहब,आप इतना प्यार से कहेते हो तो..

     

    मैंने कहा –  मेहरबानी करके आप घर के अंदर आ जाओ

    यहां सोफे पर बैठो

    मैं अभी  कपड़े लेकर आता हूँ ।

     

    जब तक मैं कपड़े लेकर वापस लौटा  वो बाहर ही खड़ा रहा !

    ये देख मैंने उससे  कहा -भाई बैठ जाओ और

    देख लो

    जो कपड़े आपके काम आए….ले लो…

     

    कांपते हुए वो सोफे पर बैठ गया ..शायद उसे बुखार भी था

    इसलिए उसका शरीर थोड़ा कांप रहा था।

    मैंने विनम्रता से कहा -आप को ज्यादा ठण्ड लग रही है तो चाय बना दूँ ..आपको राहत मिलेगी….

    आप पी लो ..

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    ये सुनते ही उसकी आँखो से आंसू बहने लगे

     

    बोला नहीं साहब बहुत टाइम से रिक्शा चला रहा हूँ.. लेकिन

    आजतक ऐसा कोई नहीं मिला जो,इतनी इज़्ज़त दे

    हम जैसे लोगो को!!!..

    और ये जो कपड़े हैं ना जो आप लोग हम जैसे जरूरतमंद को देते हैं हम लोग इसको हररोज़ न पहन कर किसी रिश्तेदार या किसी कि शादी- पार्टी में पहन कर जाते हैं । बहुत ग़रीबी है साहब ।

     

    एक  हफ़्ते बाद घर जाऊंगा तब मेरे  बच्चे ये कपड़े पहनकर बहुत दुआ देंगे साहब ये बात सुनते ही मन बोझिल सा हो गया..

    फ़िर मन में सही खयाल आया…

    मंदिर -मस्जिद में दान करने से तो भला  किसी जरूरतमंद की जरूरत पूरी की जाएँ…

    क्या खबर क्या पता

    क्या ख़ुशी है, गम है क्या

    ले के आँसू जो हँसी दे

    ग़म के बदले जो ख़ुशी दे

    राज़ ये जाना उसी ने

    ज़िन्दगी क्या है ज़िन्दगी

    क्या खबर क्या पता…

    आप सबका  क्या खयाल है?? ?

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    Inspirational Success Story In Hindi

    रिया लव मैरिज कर ने के बाद अपने पापा के पास आयी, और अपने पापा से बोली पापा मैंने अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली,

    ये सुनकर पापा काफी गुस्सें में थे, लेकिन वो बहुत समजदार शख्स थे,

    उसने सिर्फ अपनी बेटी से इतना ही कहा, मेरे घर से निकल जाओं, रिया ने कहा अभी लड़के के पास कोई काम नही हैं,

    हमें थोड़े दिन रहने दीजिए हम बाद में चलें जाएगें, पर उसके पापा ने एक नही सुनी और उसे घर के बहार का रास्ता दिखा दिया…….

    कुछ साल निकल गयें, अब रिया के पापा इस दुनिया में नही रहें, और कमनसीबी से जिस लड़के ने रिया से शादी की वो भी उसे धोखा देकर भाग गया,

    रिया की एक लड़की एक लड़का था, रिया खुद का एक रेस्टोरेंट चला रही थी, जिससे उसका जीवन का गुजारा हो रहा था………

    रिया को जब ये खबर हुई के अब उसके पापा नही रहें, तो वह मन ही मनमे खुश हुई क्यूकी मुजे घर से निकाल दिया था, भटकने के लिए….

    मेरे पति के छोड़ जाने के बाद भी मुजे घर नही बुलाया, मैं तो नही जाऊंगी उनकी अंतिम यात्रा में, पर उसके ताऊ जी ने कहा रिया ऐसा मत करो, जाने वाला शख्श तो चला गया…..

    अब उनसे दुश्मनी कैसी, सोनम ने पहले हाँ ना किया फिर सोचा चलों हो आती हूं, देखू तो जिन्होने मुजे ठुकराया वो मरने के बाद कैसे सुकून पाता हैं……………

    रिया जब अपने पापा के घर आयी तो सब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहें थें, पर रिया को उनके मरने का कोई दुख नही था, वो तो बस अपने ताऊजी के कहने पर आयी थी,

    अब रिया के पापाकी अंतिमयात्रा शुरू हुई, सब रो रहें थे पर रिया दूर खड़ी हुई थी, जैंसे तैसे सब क्रिया पूरी हुई।

    आज रिया के पापा की तेरहवी थी, उसके ताऊ जी आए और रिया के हाथ में एक खत देते हुये कहा, ये तुम्हारे पापा ने तुम्हें दिया हैं, हो सके तो इसे पढ़ लेना………….

    रात हो चुकी थी सारें मेहमान घर जा चुके थे, रिया ने वो खत निकाला और पढ़ने लगी,

    उसने सबसे पहले लिखा था, मेरी प्यारी गुड़िया मुजे पता हैं, तुम मुजसे नाराज हो, पर मुजको माफ कर देना,

    मैं जानता हूं, तुम्हें मैंने घर से निकाला था, तुम्हारे पास रहने की जगह नही थी, तुम दर_दर की ठोकरे खा रही थी, पर मैं भी उदास था, तुम्हें कैसे बताऊँ,,,,,,

    “याद हैं तुम्हें जब तुम सात साल की थी, तब तुम्हारी माँ हमें छोड़ के चली गयी थी,

    तब तुम कितना रोती थी, डरती थी, मेरे बिना सोती नही थी, रातों को उठकर रोती थी, तब मैं भी सारी रात तुम्हारे साथ जागता था,

    तुम जब स्कूल जाने से डरती थी, तब मैं भी सारा वक्त तुम्हारे स्कूल की खिडकी पर खड़ा होता था, और जैसे ही तुम स्कूल से बाहर आती थी,

    तुम्हें सीने से लगा लेता था, वो कच्चा_पक्का खाना याद हैं, जो तुम्हें पसंद नही आता था, मैं उसे फेंक कर फिर से तुम्हारे लिए नया बनाता था,

    ताकी तुम भूखी ना रहों, याद हैं  जब तुम्हें बुखार आया था, तो मैं सारा दिन तुम्हारे पास बैठा रहता था, अंदर ही अंदर रोता था, पर तुम्हें हंसाता था, की तुम ना रोओ वरना मैं रो पड़ता था,

    वो पहली बार हाईस्कूल की परीक्षा जब तुम रात भर पढ़ती थी, तो मैं सारी रात तुम्हें चाय बनाकर देता था,

    याद है तुम्हें जब तुम पहली बार कालेज गयी थी, और तुम्हें लड़को ने छेड़ा था, तो मैं तुम्हारे साथ कालेज गया और उन बदतमीज लड़को से भीड गया,

    उम्र हो गयी थी, और मैं कमजोर भी, कुछ चोटे मुजे भी आयी थी, पर हर लड़की की नजर में पापा हीरों होते हैं, इसलिए अपना दर्द सह गया…………….

    “याद हैं तुम्हें वो तुम्हारी पहली जीन्स वो छोटे कपड़े, वो गाड़ी, सारी कालोनी एकतरफ थी की ये सब नही चलेगा, लड़की छोटे कपड़े नही पहनेगी, पर मैं तुम्हारे साथ खड़ा था,

    किसी को तुम्हारी खुशी में बाधा बनने नही दिया, तुम्हारा वो रातों को देर से आना, डिस्को जाना, लड़को के साथ घूमना, इन सब बातों को कभी मैंने गौर नही किया,

    क्यूकि जिस उम्र में थी उस उम्र मे ये सब थोड़ा बहुत होता हैं, ………………….

    पर एक दिन तुम एक अनजान लड़के से शादी कर आयी,

    वो भी उस लड़के से जिसके बारे में तुम्हें कुछ भी मालूम नही था, तुम्हारा पापा हूं,

    मैंने उस लड़के के बारे मे सब पता किया, उसने ना जाने वासना और पैंसे के लिए कितनी लड़कियों को धोखा दिया, पर तुम तो उस वक्त प्रेम में अंधी थी,

    तुमने एक बार भी मुजसे नही पूछा, और सीधा शादी कर के आ गयी, मेरे कितने अरमान थें, तुम्हें डोली में बिठाऊ, चाँद, तारों की तरह तुम्हें सजाऊ,

    ऐसी धूमधाम से शादी करूँ की लोग बोल पड़े वो देखों शर्माजी जिन्होने अपनी बच्ची को इतने नाजों से अकेले पाला हैं, पर तुमने मेरे सारे ख्वाब तोड़ दियें, “खैर” इन सब बातों का कोई मतलब नही हैं,

    मैंने तो तुम्हारें लिए खत इसलिए छोड़ा है की कुछ बात बता सकूं…………………

    मेरी “गुड़िया” आलमारी में तुम्हारी माँ के गहने और मैंने जो तुम्हारी शादी के लिए गहने खरीदें तो वो सब रखें हैं, तीन चार घर और कुछ जमीन है

    मैंने सब तुम्हारे और तुम्हारे बच्चों के नाम कर दी हैं, कुछ पैसें बैंक में है तुम बैंक जाकर उसे निकाल लेना,

    “_और आखिरी में बस इतना ही कहूंगा गुडिया काश तुमने मुजे समझा होता मैं तुम्हारा दुश्मन नही था, तुम्हारा पापा था, वो पापा जिसने तुम्हारी माँ के मरने के बाद भी,

     

    दूसरी शादी नही की लोगो के ताने सुने, गालियाँ सुनी, ना जाने कितने रिश्तें ठुकराए पर तुम्हें दूसरी माँ से कष्ट ना हो इसलिए खुद की ख्वाहिशें मार दी…………………..

    अंत में बस इतना ही कहूंगा मेरी गुड़िया, जिस दिन तुम शादी के जोड़े पर घर आयी थी ना,

    तुम्हारा बाप पहली बार टूटा था, तुम्हारे माँ के मरने के वक्त भी उतना नही रोया जितना उस वक्त और उस दिन से हर दिन रोया इसलिए नही की समाज_जात_परिवार_रिश्तेदार क्या कहेंगें,,,

    इसलिए वो जो मेरी नन्ही सी गुड़िया सु_सु तक करने के लिए, सारी रात मुजे उठाती थी, पर जिसने शादी का इतना बड़ा फैसला लिया पर मुजे एक बार भी बताना सही नही समझा,

    गुड़िया अब तो तुम भी माँ हो औलाद का दर्द खुशी सब क्या होता हैं, वो जब दिल तोड़ते हैं तो कैसा लगता हैं, ईश्वर तुम्हें कभी भी ये दर्द की शक्ल ना दिखाए,

    एक खराब पिता ही समझ के मुजे माफ कर देना मेरी गुड़िया, तुम्हार पापा अच्छा नही था,

    जो तुमने उसे इतना बड़ा दर्द दिया, अब खत यही समाप्त कर रहा हूं, हो सकें तो माफ कर देना, और खत के साथ एक ड्राइंग लगी थी

    जो खुद कभी रिया ने बचपन में बनाई थी, और उसमें लिखा था आई लव यू मेरे पापा मेरे हिरो मैं आपकी हर बात मानूंगी, ………………..

    रिया रो ही रही थी, उतने में उसके ताऊजी आ गयें, रिया ने उन्हें रोते_रोते सब बताया, पर एक बात उसके ताऊजी ने बताई, उसके ताऊजी ने कहा,

    रिया वो जो तुम्हें रेस्टोरेंट खोलने और घर खरीदने के पैंसे मैंने नही दियें थें, वो पैंसे तुम्हारे पिताजी ने मुजसे दिलवाए थें,

    क्यूकि औलाद चाहें कितनी भी बुरी, माँ_बाप कभी बुरे नही होतें, औलाद चाहें माँ_बाप को छोड़ दे माँ_बाप मरने के बाद भी अपने बच्चों को दुआ देते हैं,

    दोस्तों रिया के पापा को सुकून मिलेगा या नही मुजे नही पता, पर उस खत को पढ़ने के बाद, शायद सारी जिंदगी, रिया को सुकून नही मिलेंगा …………………

    ______बस इतना ही कहूंगा, आखिर में दोस्तों, लव मैरिज शादी करना कोई गलत बात नही, पर यही अपने माँ_पिताजी की मर्जी शामिल कर लें, पत्थर से पानी निकल जाता हैं,

    वो तो माँ_बाप है ना कब तक नही टूटेंगें अपने बच्चों की खुशी के लिए, हर बाप की एक इच्छा होती हैं अपनी बेटी को अपने हाथों से डोली में विदा करने की हो सकें तो उसे एक सपना मत रहने दीजिए।  

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    Inspirational Success Story In Hindi

    सरिता का रिजर्वेशन जिस कोच में था,

    उसमें सभी लड़के ही थे ।

    टॉयलेट जाने के बहाने सरिता पूरी बोगीमें चक्कर लगा अायी।

    मुश्किल से दो या तीन महिलाएं होंगी ।

    दिल अज्ञात भय से काँप सा गया ।

    सरिता जिंदगीमे पहली बार अकेली सफर कर रही थी,

    तो पहले से ही घबराई हुई थी।

    इसलिए खुद को सहज रखने के लिए चुपचाप अपनी सीट पर मैगज़ीन निकाल कर पढ़ने लगी ।

    नवयुवकों का ग्रुप जो शायद किसी कैम्प जा रहे थे, के हँसी – मजाक , चुटकुले सरिताकी हिम्मत को और भी तोड़ रहे थे ।

    सरिता के भय और घबराहट के बीच अनचाही सी रात धीरे – धीरे गुजरने लगी ।

    अचानक सामने के सीट पर बैठे एक लड़के ने कहा —

    ” हेलो , मैं साहिल और आप ? “

     

    भय से पीली पड़ चुकी सरिता ने कहा –” जी मैं ………”

    “कोई बात नहीं , नाम मत बताना ।

     

    ये बताइए कहा जा रहीं हैं आप ?”

     

    सरिता ने धीरे से कहा–“कानपुर”

     

    “क्या कानपुर… ?

    वो तो मेरा नानी -घर है।

    इस रिश्ते से तो आप मेरी बहन लगीं ।

    खुश होते हुए साहिल ने कहा ।

    और फिर साहिल कानपुर की अनगिनत बातें बताता रहा कि उसके नाना जी काफी ख्यातनाम व्यक्ति हैं ,

    उसके दोनों मामा सेना के उच्च अधिकारी हैं और बहोत सारी नई – पुरानी बातें ।

     

    सरिता भी धीरे – धीरे सामान्य होकर उसकी बातों में रूचि लेती गई ।

     

    सरिता रात भर साहिल जैसे भाई के सुरक्षित साए के ख्याल से निश्चिंत सोती रही।

     

    सुबह सरिता  ने कहा – ” लीजिये मेरा पता रख लीजिए , कभी नानी घर आइये तो मुझे जरुर मिलने आइयेगा ।”

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    ” कौन सा नानी घर बहन ?

    वो तो मैंने आपको डरते देखा तो झूठ – मूठ के रिश्ते बनाता रहा ।

    मैं तो पहले कभी कानपुर आया ही नहीं ।”

    “क्या….. ?” — चौंक उठी सरिता ।

     

    “बहन ऐसा नहीं है कि सभी लड़के बुरे ही होते हैं,

    कि किसी अकेली लड़की को देखा नहीं कि उस पर भेड की तरह टूट पड़ें ।

    हमारे बीच  पिता और भाई भी तो  होते हैं ।”

     

    कह कर प्यार से उसके सर पर हाथ रख मुस्कुरा उठा साहिल ।

     

    सरिता साहिल को देखती रही जैसे कि कोई अपना भाई उससे विदा ले रहा हो सरिता की आँखें भीग चुकी थी…

     

    तभी जातेजाते साहिल  ने सरिता से कहा, और हा बहन मेरा नाम साहिल नही विनायक  है….!

     

    काश…. इस जगत मे सब ऐसे हो जाये…

    न कोई ज्यादती ,न अत्याचार , एक भय मुक्त समाज का स्वरूप हमारा देश,हमारा प्रदेश, हमारा शहर, हमारा मुल्क,हमारा गांव

    जहाँ सभी बहन ,बेटियों,खुली हवा में चैन की सांस ले सकें

    निर्भय होकर कहीं भी कभी भी आ जा सके जहाँ पर हर कोई एक दूसरे का मददगार हो….

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    एक गांव में एक आदमी सुबह सुबह तालाब की ओर मछली पकड़ने की झाल लेकर निकल पड़ा था।

    तालाब के पास पहुंचने पर उसे एहसास हुआ कि अभी प्रकाश पूरा फैला नही है।

    थोड़ी देर मस्त वातावरण में इधर उधर टहलता रहा।

    अचानक उसका पैर एक बड़े झोले से टकराया।

    आश्चर्य से उसने उस में हाथ डाला तो उसे पता चला कि झोले में

    एक से बढ़कर एक चमकदार पत्थर थे। अंधेरा होने की वजह से उसे तो कुछ पता नहीं था बस टाइम पास करने के लिए उसने उसमें से एक के बाद एक पत्थर नदी में फेंकना शुरू कर दिया।

    थोड़ी देर में उसने झोला लगभग खाली कर दिया।

    जब आखरी एक पत्थर बचा था तब पूरा सवेरा हो चुका था।

    सुबह के उजाले में उसने पाया कि अंतिम पत्थर जो उनके हाथ में था वह बहुत ही चमकीला था।

    पत्थर के चमकीले पन को बस देखते ही रह गया। वह कोई मामूली पत्थर नहीं था बल्कि अमूल्य हीरा था।

    जब उसे मालूम हुआ कि तालाब में अब तक उसने जिसको पत्थर समझ कर फेंक दिया वह सारे के सारे अनमोल हीरे थे तब वह  चीख चीख कर रोने लगा।

     वह बार-बार अपने हाथ में पकड़े हुए अंतिम हीरा जिसको वह पत्थर समझ रहा था उसके लिए व अंधेरे को दोष दे रहा था।

    तालाब के किनारे दुखी होकर बैठ गया तभी उस वक्त वहां से एक साधु निकले।

    उसके पास से सारी हकीकत जानने पर साधु ने उसे कहा अरे इसमें रोने की क्या बात है? तेरा सब कुछ कहा लूट गया है?

    तू तेरी जात को नसीबदार समझ क्योंकि तेरा बहुत बड़ा नसीब है कि आखरी हीरा फेंकने से पहले ही उजाला हो गया वरना ये हीरा भी तेरे हाथों से जाने ही वाला था।

    इस मूल्यवान हीरे की कीमत तुझे पता है? इस एक हीरे से भी तेरी जिंदगी का नक्शा बदल सकता है।

    अब जो तेरे बस की बात नहीं है उस पर चीखने चिल्लाने से क्या फायदा अब जो तेरे हाथ में है उसकी खुशी तुझे मनानी चाहिए।

    साधु की बात सुनकर उसका मन कुछ हल्का हुआ वह प्रसन्न चित्त से घर वापस आ गया।

    Moral: दोस्तो, जो बीत गया सो बीत गया। जो बात हमारे बस की नहीं है उस पर शोक मनाने से हमारे हाथ में क्या आएगा?

    लेकिन जो भी हमारे पास है उसको हमें लाइफ में सेलिब्रेट करना सीखना चाहिए। हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध काव्य पंक्ति है।

    inspiring stories in hindi for success

     

    जो बीत गई सो बात गई

     

    जीवन में एक सितारा था

    माना वह बेहद प्यारा था

    वह डूब गया तो डूब गया

    अम्बर के आनन को देखो

    कितने इसके तारे टूटे

    कितने इसके प्यारे छूटे

    जो छूट गए फिर कहाँ मिले

    पर बोलो टूटे तारों पर

    कब अम्बर शोक मनाता है

    जो बीत गई सो बात गई। इस बात को हमें जिंदगी भर याद रखना चाहिए।

    Motivational story in hindi for success-part 1

    inspiring hindi Story-2

    एक सोसायटी में बहुत ही नेक दिल एक इंसान रहता था। बहुत ही परिश्रमी और प्रामाणिक था।

    जो भी उसके संपर्क में आता था वह सभी लोग उसके अच्छे व्यवहार से बहुत खुश हो जाते थे और उसकी दिल खोलकर तारीफ करते थे।

    एक दिन वह अपने ऑफिस से घर लौट रहा था उस वक्त उसने रास्ते में अपने मोहल्ले के कुछ लोगों को गपशप करते सुना।

    ध्यान से सुनने पर उसे पता चला के वे लोग उसके बारे में ही बातें कर रहे थे।

    अब उससे रहा नहीं गया उसको लगा के यह लोग निश्चित ही उसकी तारीफ करते होगे चुपचाप वह उन लोगों के पीछे जाने लगा, लेकिन जब उसे पता चला कि यह लोग तो प्रशंसा करने की जगह उसकी बुराई कर रहे थे|

    कोई कहता था यह इंसान तो बहुत ही अभिमानी है। तो कोई बोल रहा था कि यह तो अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और है। कुछ लोग उसे ढोंगी बता रहे थे।

    तो कुछ लोग सिर्फ दिखावा कह रहे थे।

    यह सारी बातें सुनकर उस इंसान के दिल पर बहुत गहरी चोट लगी। क्योंकि आज तक उसने अपने बारे में ऐसा कभी नहीं सुना था।

    उसका दिमाग सुन्न हो गया था। जहां भी जाता और किसी को बातें करते देखता तो उसे दाल में कुछ काला ही नजर आता था।

    उसके दिमाग में एक ग्रंथि बंध गई थी के लोग उसके बारे में

    बुरा सोच रहे हैं, बुरा बोल रहे हैं।

    ऐसी नकारात्मक सोच का असर ऐसा पड़ा कि कभी-कभी तो जब उसकी प्रशंसा की जाती थी तब भी उसे ऐसा ही लगता था कि लोग उनकी मजाक उड़ा रहे हैं।

    अब ऐसी सोच की वजह से आसपास के सभी लोगों को ऐसे लगने लगा कि मोहन में कुछ बड़ा परिवर्तन आ गया है और उसकी वाइफ भी अपने पति के ऐसे बदलाव से बहुत आश्चर्य में थी।

    एक बार उसने उसे पूछा आप इतने बदले बदले से क्यों लग रहे हो क्या इसकी वजह मैं जान सकती हूं?

    उसने उदास मन से जो कुछ भी हुआ था वह सब बता दिया।

    पत्नी ने कई देर तक सोचा और बाद में उसे याद आया कि शहर में एक प्रेरणात्मक सेमिनार होने वाला था। वहां पर एक से बढ़कर एक वक्ता आने वाले थे।

    उसने अपने पति को इस सेमिनार के बारे में बताया और कहा कि यह सेमिनार हमें जरूर अटेंड करना चाहिए हमारी समस्या का कुछ ना कुछ हल निकल आएगा।

    दूसरे दिन वे सेमिनार में पहुंचे।

    कार्यक्रम के दौरान इस इंसान ने अपनी बात वक्ता के सामने रखी।

    उसने बताया कि अब लोग पहले जैसे नहीं रहे सभी लोग मेरे

    बारे में गलत सोचते हैं। मैं अब अच्छा इंसान नहीं रहा। आप बताइए मुझे कि पहले की तरह मैं अपनी क्रेडिट कैसे प्राप्त कर सकता हूं?

    वक्ता को पूरी बात समझ में आ चुकी थी।

    उसने उसको पास के एक गांव की शिविर में भेजा… और कहा कि आप वहीं पर रात के समय ठहरना।

    उसने सारी रात शिविर में बिताई दूसरे दिन जब वक्ता से बात हुई तो वक्ता ने उससे पूछा आप की रात कैसे गुजरी?

    तब उस इंसान ने कहा कि रात को जब मैं सोने जा रहा था अचानक ही शिविर के पास के तालाब में से कई सारे मेंढक की कर्कश आवाज आ रही थी।

    रात के समय मेंढकोने  इतना हो हल्ला मचा रखा था कि मैं पूरी रात सो भी नहीं पाया।

    मुझे इस बात का आश्चर्य हो रहा है कि इतने  कोलाहल में गांव के लोग कैसे सो पाते हैं?

    तभी वक्ता बोला, अब हो भी क्या सकता है? क्या आप से कुछ होगा?

    उसने कहा इतना कोलाहल सुनने पर तो लगता है कि मेंढको की संख्या एक दो नहीं लेकिन हजारों में होगी।

    मैं जितने हो सके उतने मजदूरों को लेकर कल आता हूं और सभी मेंढकोको पकड़कर दूर नदी में छोड़ा आता हू।

    अगले दिन वह इंसान कई सारे मजदूरों को लेकर वहां आ गया था और वह वक्ता अभी खड़े खड़े यह सब कुछ देख रहा था।

    छोटे से तालाब में सब मजदूरों ने मिलकर जाल डालकर मेंढ़को को पकड़ना शुरू किया। देखते ही देखते कई सारे मेंढक पकड़ लिए गए।

    जब उस इंसान ने देखा के ज्यादा से ज्यादा 90- 100 मेंढक ही पकड़े गए हैं तो वह बोला कि कल रात तो इस तालाब में हजारों की संख्या में मेंढक थे।

    रात के समय सारे के सारे कहां चले गए? और बस इतने ही बचे हैं?

    अब वक्ता ने उसे समझाते हुए कहा, सभी मेंढक यहीं के यहीं है।

    तुमने कल यही सारे मेंढको की ध्वनि सुनी थी।

    यह सारे मिलकर इतना हो हल्ला मचा रहे थे कि तुम्हें इसकी संख्या हजारों में लगी।

    अब आप ध्यान से समझो इसी प्रकार जब तुम अपने आसपास के कुछ ही लोगों को अपने बारे में भला बुरा बोलते सुना तो तुम भी

    बहुत बड़ी गलती कर बैठे। तुम्हें ऐसा लगने लगा कि जो कोई भी तुम्हारे संपर्क में आ रहा है वह हर आदमी तुम्हारे बारे में गलत सोच रहा है, गलत बोल रहा है।

    अब जो लोग ऐसा बोल रहे थे उसकी संख्या इस  मेंढकोकी संख्या जितनी ही थी।

    अब अगली बार किसी को अपने बारे में भला बुरा बोलते सुनो तो इतना ध्यान में रखना  हो सकता है कि बहुत थोड़ी संख्या में लोग आपके बारे में ऐसा बोल रहे हो।

    और हां एक बात और चाहे तुम कितने भी अच्छे इंसान क्यों ना हो समाज में कोई तो ऐसा होगा ही जो तुम्हारी बुराई करेगा ही करेगा।

    अब उस इंसान की आंखें खुल चुकी वह फिर से अपने पुराने व्यक्तित्व की तरफ लौट जाने की एक नई दिशा उसे मिल गयी थी|

    Moral:  दोस्तों हमें भी इस इंसान की तरह हमारे आस पास के और समाज के कुछ लोगों के व्यवहार को सभी लोगों से नहीं जोड़ना चाहिए। एक हिंदी फिल्म के गाने की बहुत ही असरदार पंक्तियां है…….

    .कुछ तो लोग कहेंगे

    लोगों का काम है कहना

    छोड़ो बेकार की बातों में                  inspiring stories in hindi for success

    कहीं बीत ना जाये रैना

    कुछ तो लोग कहेंगे

     

    कुछ रीत जगत की ऐसी है

    हर एक सुबह की शाम हुई

    कुछ रीत जगत की ऐसी है

    हर एक सुबह की शाम हुई

    तू कौन है तेरा नाम है क्या

    सीता भी यहाँ बदनाम हुई

    फिर क्यों संसार की बातों से

    भीग गए तेरे नैना।

    जीवन में यह बात हमेशा याद रखना दोस्तों हम जो हैं वह हम हैं जो लोग कह रहे हैं वह हम नहीं।

    Inspirational short stories about life in hindi-part 2

    inspiring hindi Story-3

    एक बार एक आदमी बैंक में पैसे निकालने गया। बैंक में बहुत भीड़ थी जब उसकी बारी आई तो बैंक के कैशियर में औसत पेमेंट कर दी।

    वह आदमी पैसों को थैले में रखकर वहां से चल दिया उसने करीब 200000 रुपए बैंक से निकाले थे। लेकिन बैंक के कैशियर ने गलती से उसे 210000₹ दे दिए थे।

    लेकिन उसने ऐसा जताया के उसको कुछ पता ही नहीं है और पैसे चुपचाप अपने पास रख लिए।

    उसके दिमाग में कई तरह के विचार आ रहे थे। उसने सोचा कि इसमें मेरा क्या दोष है फिर उसके मन में आया क्यों उसे यह पैसे लौटा देना चाहिए।

    लेकिन फिर से विचार बदला उसने सोचा यदि मैं गलती करके किसी को ज्यादा पैसे दे देता हूं तो मुझे भला कोई लौटाएगा?

    बार बार उसके मन के ख्याल बदलते रहे थोड़ी देर ऐसा ख्याल आता था कि पैसे लौटा दे लेकिन हर बार दिमाग में से कोई ना कोई नई चीज बाहर निकल कर आती थी।

    पैसे वापस ना देने के हजार बहाने मिलते थे।

    लेकिन हर इंसान के अंदर सिर्फ शैतानी दिमाग ही नहीं होता लेकिन अपने दिल की आवाज भी होती है।

    रुक रुक कर उसके दिल में से आवाज आ रही थी? क्या ऐसा करना ठीक है?

    दूसरे की गलती का फायदा उठाकर खुद बेईमान ना होने का दिखावा करते हो क्या यही तुम्हारी इंसानियत है?

    उसके दिल और दिमाग के बीच कशमकश कई देर तक चली।

    अचानक उसने थैले में से ₹10000 निकाल लिए और बैंक की ओर प्रस्थान किया।

    अब उसका  बेचैन मन शांत होने लगा था चेहरे पर प्रसन्नता के भाव थे। वह अपने आप को एक वैचारिक बीमारी से मुक्त पाया हुआ समझता था।

    उसके चेहरे पर इतनी प्रसन्नता थी मानो उसने कोई बड़ी जंग जीत ली हो।

    बैंक पहुंचकर देखा तो कैशियर थोड़ी चिंता में दिख रहा था।

    जब इस आदमी ने उसको ₹10000 वापस लौटाए तब जाकर

    कैशियर ने चैन की सांस ली।

    अपनी जेब से 500 का एक नोट निकाल कर उसने उसके हाथ में थमा या और कहा अरे भाई आप तो बहुत बड़े नेक दिल इंसान हो।

    आज मेरी तरफ से आपके बच्चों को कुछ मिठाई खिला देना।

    मेहरबानी करके ना मत बोलना।

    तब उस आदमी ने कहा के आभार आप को नहीं मुझे आपका व्यक्त करना चाहिए…. और मैं आपको मुंह मीठा कराऊंगा।

    बैंक के कैशियर ने आश्चर्य से पूछा अरे भाई, आप किस वजह से ऐसा कर रहे हो?

    तब उस आदमी ने कहा मैं इस बात के लिए आपका आभारी हूं कि यह ₹10000 ने मुझे अपने अंदर झांकने का मौका दिया।

    आज मेरे दिल और दिमाग की परीक्षा हुई। आपकी गलती ने मुझे जीवन का सबसे बड़ा गुण सिखाया।

    आज मेरी अंदर बुराई पर अच्छाई की जीत हुई… और यह सब आपकी वजह से हुआ इसलिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया।          inspiring stories in hindi for success

    Moral-

    दोस्तो, समाज में दो तरह के लोग हैं एक ऐसे लोग जो अपनी प्रमाणिकता का पुरस्कार और प्रशंसा पाने का मौका नहीं गवाते।

    और ऐसे लोग भी है जो दूसरों को पुरस्कृत करते हैं।

    लेकिन हमारे जीवन में प्रामाणिकता का कोई पुरस्कार नहीं होता।

    प्रमाणिकता अमूल्य है, प्रामाणिकता और इमानदारी अपने आप में ही एक बहुत बड़ा पुरस्कार है। ऐसे मौके पर अपने आप को कंट्रोल करना एक बहुत बड़ी चैलेंज होती है।

    अपने अंतरात्मा में झांकने का अवसर जिंदगी में हमें कभी कभी ही मिलता है। हमें ऐसे सुनहरे अवसर को गवाना नहीं चाहिए लेकिन ऐसे अवसर को उत्सव में बदल देना चाहिए।

    Remember:Honesty is such a lonely word

    Everyone is so untrue

    Honesty is hardly ever heard

    And mostly what I need from you.

    Motivational story in hindi about life part-4

    inspiring stories in hindi for success

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    inspirational stories in hindi for success-part 5




     

     

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