Tag: success story in hindi for student

  • inspiring stories in hindi for success-part 3

    inspiring stories in hindi for success-part 3

    inspiring hindi Story-1

    inspiring stories in hindi for success

    एक गांव में एक आदमी सुबह सुबह तालाब की ओर मछली पकड़ने की झाल लेकर निकल पड़ा था।

    तालाब के पास पहुंचने पर उसे एहसास हुआ कि अभी प्रकाश पूरा फैला नही है।

    थोड़ी देर मस्त वातावरण में इधर उधर टहलता रहा।

    अचानक उसका पैर एक बड़े झोले से टकराया।

    आश्चर्य से उसने उस में हाथ डाला तो उसे पता चला कि झोले में

    एक से बढ़कर एक चमकदार पत्थर थे। अंधेरा होने की वजह से उसे तो कुछ पता नहीं था बस टाइम पास करने के लिए उसने उसमें से एक के बाद एक पत्थर नदी में फेंकना शुरू कर दिया।

    थोड़ी देर में उसने झोला लगभग खाली कर दिया।

    जब आखरी एक पत्थर बचा था तब पूरा सवेरा हो चुका था।

    सुबह के उजाले में उसने पाया कि अंतिम पत्थर जो उनके हाथ में था वह बहुत ही चमकीला था।

    पत्थर के चमकीले पन को बस देखते ही रह गया। वह कोई मामूली पत्थर नहीं था बल्कि अमूल्य हीरा था।

    जब उसे मालूम हुआ कि तालाब में अब तक उसने जिसको पत्थर समझ कर फेंक दिया वह सारे के सारे अनमोल हीरे थे तब वह  चीख चीख कर रोने लगा।

     वह बार-बार अपने हाथ में पकड़े हुए अंतिम हीरा जिसको वह पत्थर समझ रहा था उसके लिए व अंधेरे को दोष दे रहा था।

    तालाब के किनारे दुखी होकर बैठ गया तभी उस वक्त वहां से एक साधु निकले।

    उसके पास से सारी हकीकत जानने पर साधु ने उसे कहा अरे इसमें रोने की क्या बात है? तेरा सब कुछ कहा लूट गया है?

    तू तेरी जात को नसीबदार समझ क्योंकि तेरा बहुत बड़ा नसीब है कि आखरी हीरा फेंकने से पहले ही उजाला हो गया वरना ये हीरा भी तेरे हाथों से जाने ही वाला था।

    इस मूल्यवान हीरे की कीमत तुझे पता है? इस एक हीरे से भी तेरी जिंदगी का नक्शा बदल सकता है।

    अब जो तेरे बस की बात नहीं है उस पर चीखने चिल्लाने से क्या फायदा अब जो तेरे हाथ में है उसकी खुशी तुझे मनानी चाहिए।

    साधु की बात सुनकर उसका मन कुछ हल्का हुआ वह प्रसन्न चित्त से घर वापस आ गया।

    Moral: दोस्तो, जो बीत गया सो बीत गया। जो बात हमारे बस की नहीं है उस पर शोक मनाने से हमारे हाथ में क्या आएगा?

    लेकिन जो भी हमारे पास है उसको हमें लाइफ में सेलिब्रेट करना सीखना चाहिए। हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध काव्य पंक्ति है।

    inspiring stories in hindi for success

     

    जो बीत गई सो बात गई

     

    जीवन में एक सितारा था

    माना वह बेहद प्यारा था

    वह डूब गया तो डूब गया

    अम्बर के आनन को देखो

    कितने इसके तारे टूटे

    कितने इसके प्यारे छूटे

    जो छूट गए फिर कहाँ मिले

    पर बोलो टूटे तारों पर

    कब अम्बर शोक मनाता है

    जो बीत गई सो बात गई। इस बात को हमें जिंदगी भर याद रखना चाहिए।

    Motivational story in hindi for success-part 1

    inspiring hindi Story-2

    एक सोसायटी में बहुत ही नेक दिल एक इंसान रहता था। बहुत ही परिश्रमी और प्रामाणिक था।

    जो भी उसके संपर्क में आता था वह सभी लोग उसके अच्छे व्यवहार से बहुत खुश हो जाते थे और उसकी दिल खोलकर तारीफ करते थे।

    एक दिन वह अपने ऑफिस से घर लौट रहा था उस वक्त उसने रास्ते में अपने मोहल्ले के कुछ लोगों को गपशप करते सुना।

    ध्यान से सुनने पर उसे पता चला के वे लोग उसके बारे में ही बातें कर रहे थे।

    अब उससे रहा नहीं गया उसको लगा के यह लोग निश्चित ही उसकी तारीफ करते होगे चुपचाप वह उन लोगों के पीछे जाने लगा, लेकिन जब उसे पता चला कि यह लोग तो प्रशंसा करने की जगह उसकी बुराई कर रहे थे|

    कोई कहता था यह इंसान तो बहुत ही अभिमानी है। तो कोई बोल रहा था कि यह तो अंदर से कुछ और बाहर से कुछ और है। कुछ लोग उसे ढोंगी बता रहे थे।

    तो कुछ लोग सिर्फ दिखावा कह रहे थे।

    यह सारी बातें सुनकर उस इंसान के दिल पर बहुत गहरी चोट लगी। क्योंकि आज तक उसने अपने बारे में ऐसा कभी नहीं सुना था।

    उसका दिमाग सुन्न हो गया था। जहां भी जाता और किसी को बातें करते देखता तो उसे दाल में कुछ काला ही नजर आता था।

    उसके दिमाग में एक ग्रंथि बंध गई थी के लोग उसके बारे में

    बुरा सोच रहे हैं, बुरा बोल रहे हैं।

    ऐसी नकारात्मक सोच का असर ऐसा पड़ा कि कभी-कभी तो जब उसकी प्रशंसा की जाती थी तब भी उसे ऐसा ही लगता था कि लोग उनकी मजाक उड़ा रहे हैं।

    अब ऐसी सोच की वजह से आसपास के सभी लोगों को ऐसे लगने लगा कि मोहन में कुछ बड़ा परिवर्तन आ गया है और उसकी वाइफ भी अपने पति के ऐसे बदलाव से बहुत आश्चर्य में थी।

    एक बार उसने उसे पूछा आप इतने बदले बदले से क्यों लग रहे हो क्या इसकी वजह मैं जान सकती हूं?

    उसने उदास मन से जो कुछ भी हुआ था वह सब बता दिया।

    पत्नी ने कई देर तक सोचा और बाद में उसे याद आया कि शहर में एक प्रेरणात्मक सेमिनार होने वाला था। वहां पर एक से बढ़कर एक वक्ता आने वाले थे।

    उसने अपने पति को इस सेमिनार के बारे में बताया और कहा कि यह सेमिनार हमें जरूर अटेंड करना चाहिए हमारी समस्या का कुछ ना कुछ हल निकल आएगा।

    दूसरे दिन वे सेमिनार में पहुंचे।

    कार्यक्रम के दौरान इस इंसान ने अपनी बात वक्ता के सामने रखी।

    उसने बताया कि अब लोग पहले जैसे नहीं रहे सभी लोग मेरे

    बारे में गलत सोचते हैं। मैं अब अच्छा इंसान नहीं रहा। आप बताइए मुझे कि पहले की तरह मैं अपनी क्रेडिट कैसे प्राप्त कर सकता हूं?

    वक्ता को पूरी बात समझ में आ चुकी थी।

    उसने उसको पास के एक गांव की शिविर में भेजा… और कहा कि आप वहीं पर रात के समय ठहरना।

    उसने सारी रात शिविर में बिताई दूसरे दिन जब वक्ता से बात हुई तो वक्ता ने उससे पूछा आप की रात कैसे गुजरी?

    तब उस इंसान ने कहा कि रात को जब मैं सोने जा रहा था अचानक ही शिविर के पास के तालाब में से कई सारे मेंढक की कर्कश आवाज आ रही थी।

    रात के समय मेंढकोने  इतना हो हल्ला मचा रखा था कि मैं पूरी रात सो भी नहीं पाया।

    मुझे इस बात का आश्चर्य हो रहा है कि इतने  कोलाहल में गांव के लोग कैसे सो पाते हैं?

    तभी वक्ता बोला, अब हो भी क्या सकता है? क्या आप से कुछ होगा?

    उसने कहा इतना कोलाहल सुनने पर तो लगता है कि मेंढको की संख्या एक दो नहीं लेकिन हजारों में होगी।

    मैं जितने हो सके उतने मजदूरों को लेकर कल आता हूं और सभी मेंढकोको पकड़कर दूर नदी में छोड़ा आता हू।

    अगले दिन वह इंसान कई सारे मजदूरों को लेकर वहां आ गया था और वह वक्ता अभी खड़े खड़े यह सब कुछ देख रहा था।

    छोटे से तालाब में सब मजदूरों ने मिलकर जाल डालकर मेंढ़को को पकड़ना शुरू किया। देखते ही देखते कई सारे मेंढक पकड़ लिए गए।

    जब उस इंसान ने देखा के ज्यादा से ज्यादा 90- 100 मेंढक ही पकड़े गए हैं तो वह बोला कि कल रात तो इस तालाब में हजारों की संख्या में मेंढक थे।

    रात के समय सारे के सारे कहां चले गए? और बस इतने ही बचे हैं?

    अब वक्ता ने उसे समझाते हुए कहा, सभी मेंढक यहीं के यहीं है।

    तुमने कल यही सारे मेंढको की ध्वनि सुनी थी।

    यह सारे मिलकर इतना हो हल्ला मचा रहे थे कि तुम्हें इसकी संख्या हजारों में लगी।

    अब आप ध्यान से समझो इसी प्रकार जब तुम अपने आसपास के कुछ ही लोगों को अपने बारे में भला बुरा बोलते सुना तो तुम भी

    बहुत बड़ी गलती कर बैठे। तुम्हें ऐसा लगने लगा कि जो कोई भी तुम्हारे संपर्क में आ रहा है वह हर आदमी तुम्हारे बारे में गलत सोच रहा है, गलत बोल रहा है।

    अब जो लोग ऐसा बोल रहे थे उसकी संख्या इस  मेंढकोकी संख्या जितनी ही थी।

    अब अगली बार किसी को अपने बारे में भला बुरा बोलते सुनो तो इतना ध्यान में रखना  हो सकता है कि बहुत थोड़ी संख्या में लोग आपके बारे में ऐसा बोल रहे हो।

    और हां एक बात और चाहे तुम कितने भी अच्छे इंसान क्यों ना हो समाज में कोई तो ऐसा होगा ही जो तुम्हारी बुराई करेगा ही करेगा।

    अब उस इंसान की आंखें खुल चुकी वह फिर से अपने पुराने व्यक्तित्व की तरफ लौट जाने की एक नई दिशा उसे मिल गयी थी|

    Moral:  दोस्तों हमें भी इस इंसान की तरह हमारे आस पास के और समाज के कुछ लोगों के व्यवहार को सभी लोगों से नहीं जोड़ना चाहिए। एक हिंदी फिल्म के गाने की बहुत ही असरदार पंक्तियां है…….

    .कुछ तो लोग कहेंगे

    लोगों का काम है कहना

    छोड़ो बेकार की बातों में                  inspiring stories in hindi for success

    कहीं बीत ना जाये रैना

    कुछ तो लोग कहेंगे

     

    कुछ रीत जगत की ऐसी है

    हर एक सुबह की शाम हुई

    कुछ रीत जगत की ऐसी है

    हर एक सुबह की शाम हुई

    तू कौन है तेरा नाम है क्या

    सीता भी यहाँ बदनाम हुई

    फिर क्यों संसार की बातों से

    भीग गए तेरे नैना।

    जीवन में यह बात हमेशा याद रखना दोस्तों हम जो हैं वह हम हैं जो लोग कह रहे हैं वह हम नहीं।

    Inspirational short stories about life in hindi-part 2

    inspiring hindi Story-3

    एक बार एक आदमी बैंक में पैसे निकालने गया। बैंक में बहुत भीड़ थी जब उसकी बारी आई तो बैंक के कैशियर में औसत पेमेंट कर दी।

    वह आदमी पैसों को थैले में रखकर वहां से चल दिया उसने करीब 200000 रुपए बैंक से निकाले थे। लेकिन बैंक के कैशियर ने गलती से उसे 210000₹ दे दिए थे।

    लेकिन उसने ऐसा जताया के उसको कुछ पता ही नहीं है और पैसे चुपचाप अपने पास रख लिए।

    उसके दिमाग में कई तरह के विचार आ रहे थे। उसने सोचा कि इसमें मेरा क्या दोष है फिर उसके मन में आया क्यों उसे यह पैसे लौटा देना चाहिए।

    लेकिन फिर से विचार बदला उसने सोचा यदि मैं गलती करके किसी को ज्यादा पैसे दे देता हूं तो मुझे भला कोई लौटाएगा?

    बार बार उसके मन के ख्याल बदलते रहे थोड़ी देर ऐसा ख्याल आता था कि पैसे लौटा दे लेकिन हर बार दिमाग में से कोई ना कोई नई चीज बाहर निकल कर आती थी।

    पैसे वापस ना देने के हजार बहाने मिलते थे।

    लेकिन हर इंसान के अंदर सिर्फ शैतानी दिमाग ही नहीं होता लेकिन अपने दिल की आवाज भी होती है।

    रुक रुक कर उसके दिल में से आवाज आ रही थी? क्या ऐसा करना ठीक है?

    दूसरे की गलती का फायदा उठाकर खुद बेईमान ना होने का दिखावा करते हो क्या यही तुम्हारी इंसानियत है?

    उसके दिल और दिमाग के बीच कशमकश कई देर तक चली।

    अचानक उसने थैले में से ₹10000 निकाल लिए और बैंक की ओर प्रस्थान किया।

    अब उसका  बेचैन मन शांत होने लगा था चेहरे पर प्रसन्नता के भाव थे। वह अपने आप को एक वैचारिक बीमारी से मुक्त पाया हुआ समझता था।

    उसके चेहरे पर इतनी प्रसन्नता थी मानो उसने कोई बड़ी जंग जीत ली हो।

    बैंक पहुंचकर देखा तो कैशियर थोड़ी चिंता में दिख रहा था।

    जब इस आदमी ने उसको ₹10000 वापस लौटाए तब जाकर

    कैशियर ने चैन की सांस ली।

    अपनी जेब से 500 का एक नोट निकाल कर उसने उसके हाथ में थमा या और कहा अरे भाई आप तो बहुत बड़े नेक दिल इंसान हो।

    आज मेरी तरफ से आपके बच्चों को कुछ मिठाई खिला देना।

    मेहरबानी करके ना मत बोलना।

    तब उस आदमी ने कहा के आभार आप को नहीं मुझे आपका व्यक्त करना चाहिए…. और मैं आपको मुंह मीठा कराऊंगा।

    बैंक के कैशियर ने आश्चर्य से पूछा अरे भाई, आप किस वजह से ऐसा कर रहे हो?

    तब उस आदमी ने कहा मैं इस बात के लिए आपका आभारी हूं कि यह ₹10000 ने मुझे अपने अंदर झांकने का मौका दिया।

    आज मेरे दिल और दिमाग की परीक्षा हुई। आपकी गलती ने मुझे जीवन का सबसे बड़ा गुण सिखाया।

    आज मेरी अंदर बुराई पर अच्छाई की जीत हुई… और यह सब आपकी वजह से हुआ इसलिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया।          inspiring stories in hindi for success

    Moral-

    दोस्तो, समाज में दो तरह के लोग हैं एक ऐसे लोग जो अपनी प्रमाणिकता का पुरस्कार और प्रशंसा पाने का मौका नहीं गवाते।

    और ऐसे लोग भी है जो दूसरों को पुरस्कृत करते हैं।

    लेकिन हमारे जीवन में प्रामाणिकता का कोई पुरस्कार नहीं होता।

    प्रमाणिकता अमूल्य है, प्रामाणिकता और इमानदारी अपने आप में ही एक बहुत बड़ा पुरस्कार है। ऐसे मौके पर अपने आप को कंट्रोल करना एक बहुत बड़ी चैलेंज होती है।

    अपने अंतरात्मा में झांकने का अवसर जिंदगी में हमें कभी कभी ही मिलता है। हमें ऐसे सुनहरे अवसर को गवाना नहीं चाहिए लेकिन ऐसे अवसर को उत्सव में बदल देना चाहिए।

    Remember:Honesty is such a lonely word

    Everyone is so untrue

    Honesty is hardly ever heard

    And mostly what I need from you.

    Motivational story in hindi about life part-4

    inspiring stories in hindi for success

    And If you like this inspiring stories in hindi for success please comment and join with us.Because your support encourage us.Now,join with us.


    inspirational stories in hindi for success-part 5




     

     

    http://www.marcandangel.com/2013/05/21/4-short-stories-change-the-way-you-think

  • Motivational story in hindi for success-part 1

    Motivational story in hindi for success-part 1

    Motivational story in hindi for success   

    Story-1

    This motivational story in hindi for success can change your life so read it carefully…….

                     

    एक शाला में शिक्षक ने अपने विद्यार्थियों को एक बात सुनाई और बोले

    एक वक्त की बात है कि एक वक्त एक जहाज की दुर्घटना हो गई

     

    जहाज में पति-पत्नी सवार थे |

    पति पत्नी ने देखा के जहाज पर एक लाइफ बोट है उनमें एक ही व्यक्ति का समावेश हो सकता है|

     

    थोड़ी देर सोचने के बाद उस आदमी ने अपनी पत्नी को नीचे धक्का दे दिया और खुद लाइफ बोट पर जाकर बैठ गया|

     

    पत्नी जोर से कुछ बोली

     

    शिक्षक ने विद्यार्थियों से पूछा तुम अनुमान लगाओ कि वह जोर से क्या बोली होगी?

     

    बहुत से विद्यार्थियों ने कहा उसने कहा होगा तुम क्रूर हो मैंने तुमसे अंधा प्यार किया तुमने मुझे धोखा दिया

     

    सभी शिक्षक ने देखा कि एक विद्यार्थी चुपचाप बैठा है और कुछ सोच रहा है

     

    शिक्षक ने उसे बुलाया और कहा अब तुम  ही बताओ उसने चिल्लाकर क्या कहा होगा

     

    विद्यार्थी बोला उसने कहा होगा के हमारे बच्चों का ध्यान रखना

    अब शिक्षक को आश्चर्य हुआ और बोले तुमने यह बात कभी भी पहले सुनी है क्या?

     

    बच्चे ने थोड़ी देर सोच कर जवाब दिया नहीं

     

    लेकिन मेरी मां ने मरने के वक्त मेरे पिताजी को यही बात कही थी

    तेरा उत्तर बिल्कुल सही है।

     

    फिर जहाज डूब गया और वह आदमी अपने घर गया

     

    अपनी भोली भाली बच्ची का पालन पोषण कर उसकी परवरिश की

    कई साल के बाद उस आदमी की मौत हो गई तो उस लड़की को घर में से अपने पिता की एक डायरी मिली उसमें लिखा था कि

     

    जब वह जहाज पर गए तब से उन्हें पता था कि उसकी पत्नी को एक गंभीर बीमारी है और उसके बचने की संभावना ना के बराबर है

    बावजूद उसने उसको बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए

    इस उम्मीद से कि वह ठीक हो जाए लेकिन ऐसा हो ना सका और दुर्घटना हो गई

     

    वह भी उसके साथ समंदर की गहराइयों में मर जाना चाहता था

     

    लेकिन सिर्फ अपनी बच्ची के लिए भारी हृदयसे उसने पत्नी को समंदर में डूब जाने को अकेला ही छोड़ दिया।

     

    बात पूरी हो गई पूरे क्लास में सन्नाटा सा छा गया।

     

    शिक्षक समझ चुके थे कि विद्यार्थियों को कहानी पूरी तरह समझ में आ चुकी है

    Moral of story-

    संसार में अच्छा और बुरा दोनों है

     

    लेकिन दोनों को समझने में बहुत कठिनाई आती है

     

    क्योंकि यह सब परिस्थितियों पर आधारित है उसे समझने में थोड़ी कठिनाई आती है।

     

    अतः हमें जो दिखाई देता हो उस पर बिना सोचे हमें अपनी राय नहीं देनी चाहिए पहले बात को पूरी तरह समझ लेना जरूरी है

     

    अगर कोई अपना हाथ मदद के लिए आगे बढ़ाएं तो ऐसा नहीं कि वह उपकार कर रहा है लेकिन वह दोस्ती का मूल्य समझता है।

     

    कोई अपना काम पूरी निष्ठा से करता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह डर कर करता है

    लेकिन मतलब यह है कि उसे परिश्रम का महत्व समझ में आता है और वह देश की उन्नति में अपना योगदान देता है|

     

    अगर कोई आपको किसी भी प्रकार की मदद करने को आतुर है तो उसका मतलब यह तो नहीं कि वह फालतू है

    और आपसे कुछ बदले की भावना है।

    इसका मतलब यह है कि वह अपना एक मित्र खोना नहीं चाहता।

    http://www.1clickchangelife.com/best-hindi-motivational-poems/

    Motivational story in hindi 

     inspirational hindi Story-2

    एक नगर में एक शांत औरत रहती थी। एक समय की बात है वह उसके पुत्र के साथ शाम को बाज़ार जा रही थी।

    उसी वक्त एक पागल महिला दोनों के सामने आ गई और उस लड़के की मां को भला बुरा कहने  लगी।

    उस औरत ने बहुत भला बुरा कहा लेकिन इस महिला की बातों का मां पर मानो कोई असर ही नही और वह मंद मंद मुस्कान के साथ आगे बढ़ी।

    पागल औरत अचंबित रह गई उसने सोचा इस पर तो कोई असर ही नहीं है।

    उसने और ज्यादा बुरा भला बोलने की ठान ली। अब वो पहले से ज्यादा उन्माद में क्रोधित होकर उसके पति और पूरे परिवार के लिए मन में जो आए वह कहने लगी।

    लड़की की मां बस सुनती गई। काफी देर तक यह तमाशा चला कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर पागल औरत वहां से चलती बनी।

    जब वो चली गई तब बेटे ने अपनी मां को पूछा  मां उस औरत ने इतनी गालियां दी पिताजी और हमारे परिवार के लिए बुरी बातें कहीं और आप बस सुनती रही?

    वह बोलती रही और आप सुनती रही और मन मन मुस्कुराती भी रही क्या आपको उनकी बातों से जरा भी दुख नहीं हुआ?

    मां कुछ ना बोली सिर्फ बेटे को चुपचाप अपने साथ चलने को कहा। घर पर पहुंचने पर मैंने कहा तुम यहां ठहरो मैं अभी आई।

    थोड़ी देर के बाद मैं अपने रूम में से कुछ गंदे कपड़े ले आई और बेटे को बोले यह लो तुम अपने कपड़े बदल लो।

    बेटा बोला मां ये तो बहुत मैले  हैं। I इसमें तो बदबू आ रही है। बेटे ने उन कपड़ों को तिरस्कार से फेंक दिया।

    अब मां ने बेटे को बड़े प्यार से कहा कोई तुमसे बेमतलब भिड जाता है और कुछ भी बोल देता है

    तब उसके गंदे शब्दों का असर हमें अपने निर्मल मन पर कभी भी नहीं होने देना चाहिए।

    हम भी उसके साथ ऐसा बर्ताव करेंगे तो हमने और उन में फर्क ही क्या रह गया?

    किसी की फेंकी हुई गंदगी को अपने मन में बसा के हम अपना मन क्यों खराब करें? और जिसके शब्दों का कोई मूल्य ही नहीं है उसके पीछे हम अपना कीमती समय क्यों बर्बाद करें?

     

     

    Inspirational short stories about life in hindi-part 2

     

    https://addicted2success.com/motivation/43-of-the-most-popular-motivation-picture-quotes/

    Motivational story in hindi for success  

     

     inspiring hindi Story-3

    एक समय की बात है। एक महाराजा ने गांव के विद्वानों की एक सभा बुलाई और उनसे सवाल किया।

    मेरे जन्माक्षर के मुताबिक मेरे नसीब में राजा बनने का लिखा था परंतु उसी समय अनेक लोगों ने जन्म लिया तो वे राजा क्यों नहीं बन सके? मैं समझना चाहता हूं।

    इस सवाल का किसी के पास कोई जवाब नहीं था।

    वहां पर एक बूढ़ा आदमी खड़ा हुआ और उसने कहा महाराज एक काम कीजिए यहां से एक घनघोर जंगल में आपको एक संत पुरुष मिलेंगे वह आपके सवाल का बिल्कुल सही जवाब दे सकते हैं।

    राजा बहुत जल्दी से घनघोर जंगल में पहुंचा वहां पहुंच कर उसने देखा कि एक सिद्ध पुरुष वहां अंगार खा रहे थे।

    राजा के प्रश्न पूछने पर उसने क्रोध से कहा तेरे सवाल का जवाब आगे इन पर्वतों के पीछे कई सालों से एक् संत पुरुष रहते हैं वह बदला सकते हैं।

    राजा की सवाल का जवाब जानने की उत्तेजना बढ़ गई कई कठिन मार्गो को पार करके राजा वे संत  पुरुष के पास पहुंचा।

    वहां का दृश्य देखकर राजा की आंखें फटी की फटी रह गई। वे संत अपने शरीर के मांस को  चिमटे से नोच नोच कर खा रहे थे।

    राजा के  सवाल पूछने पर संत ने क्रोधित होते हुए कहा मैं भूख से आकुल व्याकुल हूं मेरे पास वक्त नहीं है।

    आगे गांव में एक बच्चे का जन्म होने वाला है और वह बच्चा थोड़ी ही देर जीवित रहेगा वह बच्चा तेरे सवाल का जवाब दे सकता है।

    अब राजा बहुत उलझन में पड़ गया।

    बड़ी कमाल की घटना उसके साथ घट रही थी। राजा फिर से कठिनाइयों को पार करके सामने वाले गांव जा पहुंचा।

    बच्चे के जन्म के साथ ही उन्होंने उस बच्चे को राजा के हाथों में थमा दिया।

    राजा के सामने बच्चा खिलखिला कर हंस ने लगा और उसने कहा राजा समय तो मेरे पास भी नहीं है लेकिन अपने सवाल का जवाब सुन लो-

    आप मैं और दोनों संत पुरुष सात जन्म पहले चारों भाई राजकुमार थे।

    एक बार एक जंगल में शिकार करने के लिए हम 3 दिन तक बिना खाए पिए भटकते रहे। अचानक हम चारों को आटे की एक पोटली मिली।

    हम सब ने मिलकर उसकी चार रोटी सेकी और अपनी अपनी रोटी खाने बैठ गए। अभी खाना शुरू ही किया था कि भूख प्यास से आकुल व्याकुल एक् संत पुरुष वहा पर आए।

    अंगार खाने वाले से  उसने कहा। बच्चा मैंने कई दिनों से कुछ नहीं खाया अपनी रोटी मुझे दे दे मुझ पर रहम कर।

    अब भूख मुझसे सही नहीं जाती मैं भूख के मारे मर जाऊंगा। इतना सुनते ही उसको क्रोध आ गया और उसने कहा मैं तुम्हें क्यों दूं भला मुझे भी जोरों की भूख लगी है। चल फुट यहां से…..

    फिर वह संत पुरुष मांस खाने वाले भैया के पास गए और उन से विनती की लेकिन उसने भी संत पुरुष का अपमान किया और कह दिया कि-

    बड़ी कठिनाई से मिली यह रोटी मैं तुम्हें क्यों दूं फिर क्या मैं अपने शरीर का मांस नोच कर खाऊंगा?

    भूख से तड़पते संत पुरुष मेरे पास आए और मुझसे रोटी मांगी किंतु मैंने भी निर्दयी होकर बोल दिया निकलो यहां से मैं क्या भूखा मरु?

    अब उनकी अंतिम आशा आप थे राजा। आपके पास आकर वे गिड़गिड़ाए। आपको उस पर तरस आ गया और आपने अपनी रोटी में से आधी रोटी उन संत पुरुष को दे दी।

    रोटी पाकर संत प्रसन्न हुए और उसने कहा। तुम्हारा भविष्य तुम्हारे कर्म के अनुसार लिखा जाएगा।

    बच्चे ने कहा इस प्रकार हम सब लोग अपने अपने कर्मों का फल भोग रहे है। इतना कहते ही बच्चा मर गया।

    Moral: जैसी करनी वैसी भरनी। हमें अपने अच्छे कर्मों का अच्छा फल मिलता है और बुरे कर्मों का बुरा।

    पासवर्ड यदि गलत हो तो कुछ भी नहीं खुलता तो सोचो हमारे गलत कर्मों से स्वर्ग के दरवाजे हमारे लिए कैसे खुलेंग?

    motivational story in hindi for success

    inspiring stories in hindi for success-part 3

     best motivational hindi Story-4

    एक विद्यार्थी को कड़ी मेहनत के बावजूद सफलता नसीब नहीं हुई।

    वह हिम्मत हार गया, उम्मीद की कोई किरण उनके जीवन में नहीं रही, बुरे ख्यालों से वह बेचैन हो गया। जब कोई उपाय न सूजा तो उसने सुसाइड करने का निश्चय किया।

    जब वे  एक जंगल में गया और सुसाइड का प्रयत्न कर रहा था तभी अचानक एक महात्मा ने उसे देखा।

    महात्मा ने कहा बालक ऐसी भी क्या बात है और तुम यहां इस जंगल में अकेले?

    तब उसने कहा मैं अपनी जिंदगी में कड़ी मेहनत कर चुका हूं लेकिन उसका कोई परिणाम ना मिलने से मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं ,अब मेरे जीने की कोई वजह नहीं।

    महात्मा ने उनसे सवाल किया कितने समय से तुम कड़ी मेहनत कर रहे हो?

    विद्यार्थी बोला करीब 2 साल बीत चुके है, मैं परीक्षा में असफल हुआ हूं,

    और मुझे कहीं जॉब भी नहीं मिल रही,

    महात्मा हस पड़े- अरे बेटे तुम्हे सब कुछ मिल जाएगा। थोड़ी और मेहनत करो बस कुछ ही दिन…..

    विद्यार्थी ने कहा- मैं किसी के लायक नहीं हूं। मुजसे क्या होगा?

    जब महात्मा ने गौर किया कि विद्यार्थी बिल्कुल नासीपास हो गया है तो उन्होंने कहा-

    एक समय की बात है भगवान ने 2 पौधे लगाए,

    एक पौधा बांस का और दूसरा furn का ।

    Furn वाला पौधा जल्दी से बड़ा हो गया लेकिन बांस का पौधा ज्यों का त्यों रहा।

    भगवान हिम्मत नहीं हारे। दूसरा साल भी ऐसे ही बिता।Furn

    का पौधा बहुत बड़ा हो गया। फिर भी भगवान हिम्मत नहीं हारे।

    थोड़े दिन बीत जाने पर बांस के पौधे में अंकुर फूटे और बांस का पेड़ आसमान छूने लगा।

    बांस के पेड़ को अपनी जड़े ज्यादा ताकतवर करने में थोड़े साल लग गए।

    महात्मा ने विद्यार्थी से कहा- यह आपका कड़ी मेहनत का समय, अपनी जड़े मजबूत करने के लिए है।

    आप इस समय को अमूल्य समझे। जैसे ही आप की जड़े मजबूत हो जाएगी आप आसमान को छूने लगोगे।

    बांस  ने अपनी तुलना furn से नहीं की। क्योंकि बांस को मालूम है

    की फर्न की जड़े बहुत कमजोर होती है। जरा सा तूफान आने पर उखड़ जाएगी। लेकिन अपनी जड़े इतनी मजबूत है कि बड़ा सा बड़ा तूफ़ान भी उसे डगमगा नहीं सकता।

    इसलिए विद्यार्थियों जीवन में कभी भी संघर्ष से घबराना नहीं चाहिए। कड़ी से कड़ी मेहनत करके अपनी जड़ों को इतना स्ट्रांग बना ले के बड़े से बड़ा तूफान आपके फौलादी इरादों को कभी भी कमजोर ना कर सके।

    Motivational story in hindi about life part-4

    Motivational story in hindi for  success,despression,for student in exam,for sales team
    and employees.This motivational stories are useful in real life.

    And If you like this Motivational story in hindi for success please comment and join with us.
    Because your support encourage us.Now,join with us

    inspirational stories in hindi for success-part 5

     



Eco-Friendly Impact Calculator

Eco-Friendly Impact Calculator